Samta Prajapat
बचत का चमत्कार- सपना हुआ साकार
जीवन में बचत करने की आदत और बचत से जमा हुई राशि किस प्रकार से चमत्कारिक परिवर्तन कर लेती है - यह कहानी है उसी सफलता की । कैसे बूंद बूंद से घड़ा भर जाता है। मेरा नास समता प्रजापत है। में रामानन्द नगर इंदौर में रहती हू तथा कला देवी बचत समूह की सदस्य हू। इस बचत समूह में मैं पिछले 14-16 वर्षों से जुड़ी हुई हैं। प्रारम्भ में, मुझे बचत की तथा बचत करने के तरीके के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। एक बार "प्रिय सखी महिला संघ इंदौर के बचत समीनार में जाने का अवसर मिला, वहाँ पर मुझे व मेरे जैसी अनेक महिलाओं को बचत के महत्व बचत करते के तौर - तरीकों को समझाया गया। सेमीनार से मुझे समझ में आ गया कि बचत करना ही आत्मनिर्भरता का मार्ग है।
जब हमें इस बचत समूह से जुड़ी उस समय में सिलाई का कार्य करती थी तथा केवल २ सिलाई मशीने थी। सामूहिक बचत के आधार पर मुझे समूह के माध्यम से ऋण प्राप्त हुआ और मैंने सिलाई की और मशीने ली। मेरा सिलाई का व्यवसाय बढ़ने लगा। मेरा बचत समूह "प्रतिज्ञा महिला सम्मानविक विकास, बचत एवं सात सरकारी संस्था मार्ग इंदौर का सदस्य है। इस संस्था ने मुझे सिखाया, आधुनिक तकनीक सीखने के लिये प्रेरित किया और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया। परिणाम स्वरूप में कुर्ते की कवतर तथा डिजाइनर कुर्ते पाजामे व बारिक वहन तैयार करने लगी। डिजाइनर कुर्ते पजामे के आर्डर मिलने लगे। वर्तमान में मेरे सिलाई कारखाने में 121 सिलाई मशीने तथा फाल, पिको, एम्ब्ररिडरी की मशीने संचालित की जा रही हैं। सात-आठ महिलाओं को भी रोजगार मिल रहा है अब हमारी आर्थिक स्थिति मे भी सुधार भा गया है। यह चमत्कारिक परिवर्तन "प्रतिज्ञा महिला सम्मानविक विकास, बचत एवं सात सरकारी संस्था मार्ग इंदौर,के कारण सम्भव हुआ, क्योंकि इस संस्थान ने समूह के मध्यम से समय पर ऋण उपलब्ध कराया तथा "प्रिय सखी महिला संघ इंदौर, जिसने मुझे बचत करने का रास्ता दिखाया। मैं इन दोनो संस्थाओं के प्रति अत्यन्त आभार व्यक्त करती है।
समता प्रजापत
कला देवी बचत समूह