Pramila Adlak
स्वावलंबी बना है तो बचत करना सीखो
कहा जाता है की "बचत" आगे आगे चलती है और, "ऋण" उसके पीछे-पीछे आता है। इस प्रकार बचत और ऋण में घनिष्ठ संबंध है। स्पष्ट है कि अधिक से अधिक यथाशक्ति बचत करने में ही जीवन का सार है। आप सोचते होंगे कि यह क्या प्रवचन देने लगी परंतु, मेरा अनुभव कहता है कि जीवन का सार तत्व इसी में निहित है। मेरा नाम प्रमिला भंडलाक है तथा मैं जगन्नाथ नगर इंदौर में रहती हूं। मेरे परिवार में कुल पांच सदस्य है तथा मैं गत 15 वर्षों से "निखार बचत समूह" से जुड़ी हुई हूं। मैं ₹50 प्रतिमाह बचाते समूह में जमा करना प्रारंभ किया। आज मैरी बचत बढ़ कर 25000 रु से अधिक हो गई है। मेरा समूह प्रतिज्ञा महिला सम्मानविक विकास,बचत एवं सात सरकारी संस्था मार्ग इंदौर का सदस्या हैं। इस संस्था की सामूहिक ग्यारंती के आधार पर बैंक से ऋण प्राप्त हो रहा है। समूह के सदस्यों का इस संस्था ने बैंक में खाता खुल कर मोबाइल से कनेक्ट कर दिया है। इससे हमें रन और बचत की स्थिति तत्काल पता चल जाती है। मैं लगभग चार पांच बार ऋण लेकर अपने व्यवसाय में लग चुकी हूं। वर्तमान में मैंने अपने घर में ही अनाज पीसने की आटा चक्की लगाई है। इससे मुझे नियमित रूप से आए प्राप्त हो रही है तथा आर्थिक स्थितियों से पूर्णतया उभर चुकी हूं। अब मैं आत्मनिर्भर स्वयं को अनुभव करती हूं। जीवन में आए इस अच्छे परिवर्तन के लिए मैं प्रतिज्ञा महिला सम्मानविक विकास,बचत एवं सात सरकारी संस्था मार्ग इंदौर की सदेव आभारी रहूंगी। धन्यवाद।
प्रमिला अडलक
महादेव बचत समूह गणेश धाम कॉलोनी इंदौर