Arti Patel

सफलता और सशक्तिकरण की एक रोचक कहानी।


यह कहानी है मेरे जीवन में अमल पूर्व परिवर्तन लाने की। यह कहानी है मेरे स्वालंबन, स्वाभिमान की। जिसने मुझे परिवार और समाज में प्रतिष्ठा प्रदान की। मेरा नाम आरती पटेल है। मैं एक गरीब एवं संयुक्त परिवार में 6 सदस्यों के साथ भवानी नगर सांवेर, इंदौर में रहती हूं। जब मैं इस परिवार की सदस्य बनी उस समय यह परिवार बहुत विपिन्न अवस्था में जीवन जीने के लिए संघर्ष कर रहा था। मेहनत मजदूरी कर जैसे तैसे जीवन यापन हो रहा था। मैं अधिक शिक्षित भी नहीं थी इसलिए घर पर रहकर घर का काम करती थी। परिवार की कमजोर स्थिति मुझे बेचैन करती रहती थी।

मेरे आस-पास की महिलाएं किसी बचत समूह की अक्सर चर्चा करती रहती थी। बचत समूह क्या होता है और कैसे काम करता है, तथा उसका उद्देश्य क्या है? इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं थी। पड़ोस में रहने वाली उन महिलाओं से काफी मिल जुल था। एक दिन एक महिला से मैं बचत समूह के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि 10 15 महिलाओं का एक समूह है, जिसमें हम सब प्रति माह बचत करके एक निश्चित राशि जमा करते हैं तथा उसे सामूहिक बचत के आधार पर ऋण लेकर हम अपना व्यापार–व्यवसाय करते हैं। ताकि कुछ रुपए कमा सके और अपने परिवार को सहारा दे सके। उनके परामर्श से मैं भी उनके बचत समूह की सदस्य बन गई, तथा प्रतिमा कुछ राशि बचाकर समूह में जमा करने लगी।



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कुछ समय पश्चात मुझे बचत समूह से रु 5000/- का ऋण मिला और मैं एक सिलाई मशीन खरीद कर कपड़ों की सिलाई का कार्य प्ररंभ कर दिया। आज पड़ोस व मोहल्ले के लोग धीरे-धीरे कपड़े सिलने को आने लगे। आमदनी होने पर मैं ऋण की किस्त समय पर चुकाने और अधिक बचत जमा करने लगी।

पुराना लोन चुकता होने पर मुझे समूह से रु 50,000/- का ऋण प्राप्त हुआ, जिससे मैं फॉल पीकू की मशीन तथा एक और सिलाई मशीन, सिलाई का सामान और कपड़े आदि सुरक्षित रखने के लिए एक अलमारी खरीदी। मैं ऋण रकम केवल व्यवसाय में ही लगाई। इससे मेरा व्यवसाय बढ़ने लगा एवं आमदनी में वृद्धि होने लगी। आय में वृद्धि होने से परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ।

मैं पिछले 10 वर्षों से बचत समूह में जुड़ी हुई हूं। मैं अब समझ चुकी हूं की नियमित ऋण का भुगतान एवं नियमित बढ़ती हुई राशि के साथ बचत करने से ही सफलता प्राप्त हो सकती है।

मैं अब तक मेरे बचत समूह से 70,000 से लाकर 2 लाख रुपए तक का ऋण लेकर अपने व्यवसाय में काफी वृद्धि कर सकती हूं तथा पूर्ण रुप से स्वावलंबी एवं आर्थिक रूप से सशक्त हो चुकी हो। वर्तमान में कपड़े की दुकान मैचिंग सेंटर एवं सिलाई का कार्य कर रही हूं। मुझे व्यवसाय के संचालन में परिवार का भी पूरा सहयोग मिल रहा है।

मेरे समूह का नाम "सद्गुरु महिला बचत समूह" है।

यह समूह महिला समन्वित विकास, बचत एवं सात सहकारी संस्था मार्ग इंदौर "से संबंधित है। इस संस्था ने ही समूह के माध्यम से ऋण प्राप्त करने में मदद की तथा नियमित रूप से अधिक से अधिक बचत करने के लिए प्ररित और प्रोत्साहित किया। इस संस्था के सहयोग से ही आज मैं अपने पैरों पर खड़ी हूं तथा आत्म निर्भर बन गई हूं। अतः समन्वित विकास, बचत एवं सात सहकारी संस्था मार्ग इंदौर के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करती हूं।

आरती पटेल

भवानी नगर इंदौर